Corrugated Sheet Pasting
For making corrugated cardboard, a liner and flute medium are required as per the specifications of the box. The liner has board strength and paper tear resistance. The flute in corrugated cardboard is paper that has high compression strength and folding strength. If we stick 2 liners and 1 flute with adhesive glue, it becomes 3-plies corrugated cardboard.
When the flute is ready by the corrugated machine, which is according to the size of our box. We can also keep it by making a roll from the flute or we can also cut it according to its size with a sheeter and keep it in sheet form. These cut sheets are pasted in 3-ply, 5-ply, and 7-ply, and after pasting these sheets are pressed, which helps in sticking the sheet. Through this process, we get pasted sheets to make the box, and these sheets are pressed and kept for 8 to 10 hours, due to which the sheets stick together properly. These sheets are cut to size according to the length, width, and height of the box. We cut these sheets in a die-cutting machine, by making a die, which is made according to the size of the box. Another way, we can also cut the box with a 4 bar rotary, and then cut its corners with the slotter machine. After this process, to make the box, the box is prepared by stitching the sheet with a stitching machine.
Single-Wall Carton
A single-wall corrugated carton takes a total of 3 papers, with 1 flute, and 2 liners. Made by sticking the flute in between 2 liners.A double-wall corrugated carton contains a total of 5 papers, with 2 flutes, and 3 liners. Made by gluing the flute between 2 liners and a sheet
नालीदार कार्डबोर्ड बनाने के लिए बॉक्स की स्पेसिफिकेशन के अनुसार लाइनर और फ्लूट मीडियम की आवशयकता होती है। लाइनर में बोर्ड की ताकत और पेपर फटने की प्रतिरोध क्षमता होती है। नालीदार कार्डबोर्ड में फ्लूट ऐसा कागज है जिसमें कम्प्रेशन स्ट्रेंथ और फोल्डिंग ताकत अधिक होती है। यदि हम 2 लाइनर और 1 फ्लूट को एडहेसिव ग्लू के साथ चिपकते है तो वो 3 प्लाई का करुगाटेड कार्डबोर्ड तैयार हो जाता है।
नालीदार मशीन से जब फ्लूट तैयार हो जाती है, जो कि हमारे बॉक्स के साइज के हिसाब से होती है। फ्लूट से हम रोल बना कर भी रख सकते है या फिर हम शीटर से, उसके साइज के अनुसार कटाई कर के शीट फॉर्म में भी रख सकते है। ये कटी हुई शीट को हम पेस्टिंग मशीन से अपने बॉक्स के स्पेसिफिकेशन के अनुसार, 3 प्लाई, 5 प्लाई और 7 प्लाई में पेस्टिंग करते हैं, और पेस्टिंग के बाद इन शीट्स को दबा कर रखा जाता है, जिससे शीट को चिपकने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया से हमें बॉक्स को बनाने के लिए पेस्टेड शीट मिल जाती है, और इन शीट्स को 8 से 10 घंटे के तक प्रेस कर के रखा जाता है, जिससे शीट आपस में ठीक तरीके से चिपक जाती है। इन शीट्स को हम बॉक्स की लम्बाई, चौड़ाई, और ऊंचाई के हिसाब से साइज में काटा जाता है। इन शीट को हम डाई-कटिंग मशीन में, डाई बनवा कर, जो की बॉक्स के साइज के हिसाब से बनती हे, शीट को काट लेते हैं। दूसरा तरीका है, हम बॉक्स को 4 bar रोटरी से भी कटाई कर सकते हैं, और उसके बाद स्लॉटर मशीन से उसके कार्नर कट कर सकते है। इस प्रोसेस के बाद हमें बॉक्स को बनाने के लिए स्टिचिंग मशीन से शीट को स्टीच कर के बॉक्स को तैयार किया जाता है।
सिंगल-वॉल कार्टन
एक सिंगल-वॉल नालीदार कार्टन में कुल 3 पेपर, 1 फ्लूट और 2 लाइनर लगते हैं। फ्लूट को 2 लाइनर्स के बीच में चिपकाकर बनाया गया है।
डबल-वॉल कार्टन
एक डबल-वॉल नालीदार कार्टन में कुल 5 पेपर होते हैं , जिसमें 2 फ्लूट और 3 लाइनर लगते हैं। फ्लूट को 2 लाइनर्स के बीच में चिपकाकर बनाया गया है और 1 लाइनर बीच में लगता है ।
ट्रिपल -वॉल कार्टन
एक ट्रिपल -वॉल नालीदार कार्टन में कुल 7 पेपर होते हैं , जिसमें 3 फ्लूट और 4 लाइनर लगते हैं। फ्लूट को 2 लाइनर्स के बीच में चिपकाकर बनाया गया है और 1 लाइनर बीच में लगता है ।
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